तुम्हारे बिलखने से
विलाप से
रुदन और
करुण क्रंदन से
अब कोई फर्क
नहीं पड़ता
क्योंकि जनता
तुम्हारे
रंगे सियार बहुमुँहे
चेहरे को
पहचान चुकी है
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यथार्थ
रिश्ते-नाते, जान-पहचान औ हालचाल सब जुड़े टके से। टका नहीं यदि जेब में तो रहते सभी कटे-कटे से।। मधुमक्खी भी वहीं मँडराती मकरन्द जहाँ वह पाती ...
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रिश्ते-नाते, जान-पहचान औ हालचाल सब जुड़े टके से। टका नहीं यदि जेब में तो रहते सभी कटे-कटे से।। मधुमक्खी भी वहीं मँडराती मकरन्द जहाँ वह पाती ...
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माँ-बाप का दुत्कारत हैं औ कूकुर-बिलार दुलारत हैं यहि मेर पुतवै पुरखन का नरक से तारत है ड्यौढ़ी दरकावत औ ढबरी बुतावत है देखौ कुलदीपकऊ ...
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गुलमोहर बदरंग मन में रंग भरते गुलमोहर निराश हृदय को आस दिलाते गुलमोहर खिलते रहो उदासियों में भी जीवन्त रहो नीरवता में...
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