भरी दुपहरी में
अब अँधेरा न छायेगा
अब कोई बहुरूपिया
हम पर आँख न उठा पायेगा
उठाने से पहले ही
हमारी आँच और तेज से
भस्म हो जायेगा
जल जायेगा।।
अब अँधेरा न छायेगा
अब कोई बहुरूपिया
हम पर आँख न उठा पायेगा
उठाने से पहले ही
हमारी आँच और तेज से
भस्म हो जायेगा
जल जायेगा।।
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