Monday, June 25, 2018

आशायें

आशाओं की कभी साँझ नहीं होती
आशाओं का अवसान नहीं होता
आशाओं का नूतन विहान होता है
आशायें जगती हैं
प्राची की लाली लेकर
आशायें सजती है
उल्लास और खुशहाली लेकर
आशाओं की कभी रात नहीं होती
आशायें कभी ढलती नहीं
आशायें कभी मरती नहीं
बल्कि जन्म देती हैं
नयी आशाओं को
अपने गर्भ में पालती हैं
मानव मन की
अनन्त अभिलाषाओं को।
इसलिये आशायें अन्त नहीं होतीं
अनन्त होतीं हैं।
एक-एक आशा
अनन्त आशाओं का
सर्जन करती है।
सोते-जागते
आँखों में स्वप्न पालती है।
आशायें जीवन को सक्रिय बनाती हैं
जीवन में आग भरती हैं।
आशायें मन की डोर को
विचलन से बचाती हैं
और आशापूर्ति के मार्ग पर चलाती हैं।
हर आशा की पूर्ति
नयी आशा का उत्स है
इसलिये आशायें अपूर्ण हैं
और अनंत है
न इनका कभी अंत है।
ये जीवन की कहानी की
अपरिहार्य पृष्ठ हैं
जिनका जीवन
हमारे जीवन से भी बड़ा है
क्योंकि हमारी आशाओं का जीवः
हमारे अपने भी जीते हैं
वे भी हमारी आशाओं के अनंत मार्ग पर चलते हैं
रहा हमारी आशाओं अपेक्षाओं से
एकाकार हो जाते हैं

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