Thursday, December 26, 2019

चुनौती

तुम ज्वाला बनों धरतीको दहलाओ भूकम्पबनों भू को हिलाओ पर #ABVP का कुछ नहीं बिगाड़सकते क्योंकि इसमें सूरजकी आँचहै गिरि की स्थिरताहै नदी का प्रवाहहै धरतीका धैर्यहै समुद्रकी गहनताहै पृथ्वीका विस्तारहै शशिकी शीतलताहै नक्षत्रों की द्युतिहै औ हर युवा मनसे इसकी अविभक्त युतिहै

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यथार्थ

रिश्ते-नाते, जान-पहचान औ हालचाल सब जुड़े टके से। टका नहीं यदि जेब में तो रहते सभी कटे-कटे से।। मधुमक्खी भी वहीं मँडराती मकरन्द जहाँ वह पाती ...