Monday, June 29, 2020

नारीवादी ढकोसला

जे सेंदुर टिकुली कै बिरोध
और बिछिया कै बिरोध किहिन
अब देखौ टिकुली नाहीं
बड़कवा टिकुला माथे पर
चपकाये देखात हीं।
टिकुलवा के बल पर
बड़की फेमिनिस्ट कही जात हीं।।।
बिछिया का बताइन
बन्धन मेहररुवन कै
अपना बियाहेन से पहिलेन
बिछिया पहिने तैनात हीं।
वही से
बड़की फेमिनिस्ट कही जात हीं।।
मंगलसूत तूड़ि-तूड़ि बहावै कै
अभियान चलाइन
अपना गटई भा लोहा-लंगड़ कै
गटहिला पहिने देखात हीं।
यहै सब पहिर कै
बड़की फेमिनिस्ट कही जात हीं।।
नकुना-कान छेदावै का
पिछड़ापन औ शोषण बताइन
उनके नकुना मा बायें नाहीं
दहिने कील-नथुनी देखात ही।
 यहि मेर पहिर कै
बड़की फेमिनिस्ट कही जात हीं।।
ई सब छलावा है
सबका भड़कावै का।
आपन राह छोड़
गलत राह पर चलावै का।
घर-परिवार तूरि तूरि
बिषबेलि बोइ-बोइ
अपना बड़की फेमिनिस्ट कहावै का।।
@ममतात्रिपाठी
#soCalledFeminism

1 comment:

Anonymous said...

बहुत अच्छी बात कह दी आपने इस रचना में...

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