Monday, April 21, 2014

कांग्रेस के लिये अब दिल्ली बहुत दूर है॥

कवि की कल्पना
कांग्रेसी कल्पना के आगे
पानी भरने को मजबूर है।
क्योंकि वह अब जान चुकी है,
कांग्रेस के लिये अब
दिल्ली बहुत दूर है॥

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