अबकी मंदिर में
घंटा और घड़ियाल बजा।
अद्भुत नाद-निनाद उठा।
यह अनुगूँज दूर तक जायेगी।
भारत-भाल सजायेगी।
रिश्ते-नाते, जान-पहचान औ हालचाल सब जुड़े टके से। टका नहीं यदि जेब में तो रहते सभी कटे-कटे से।। मधुमक्खी भी वहीं मँडराती मकरन्द जहाँ वह पाती ...
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