इस होलिकोत्सव पर...
होलिका-दहन हुयी
प्रह्लाद का नवजीवन मिला
समाज के जन-जन का
उसे समर्थन मिला।।
एक बार फिर
अन्याय का हिरण्यकशिपु
पराजित हुआ।
एक बार फिर
न्याय-धर्म का प्रह्लाद
विजित हुआ।।
इस होलिकोत्सव पर....
इन्द्रधनुषी रंग औ
फाल्गुनी बयार हो
गुझिया, खुरमा
नमकपारा, शकरपारा
चिप्स, कचरी, पापड़
लौंग, इलायची, सौंफ
इत्र और पान के संग
घर-घर स्वागत हो
हो स्नेह-मिलन
भेंट - अँकुवार।
मनमुटाव छोड़कर
मिले सबका स्नेह-दुलार।
पूर्ववत् स्थापित हो कर्तव्य
पूर्ववत् मिले अधिकार।
द्वेषभाव भूलकर
व्यक्ति स्नेहसिक्त हो।
दुर्भावना छोड़े सभी
सौहार्द्र की अभिव्यक्ति हो।
जन-जन में प्रवाहित हो
समन्वय की भावना।
होलिकोत्सव की
हार्दिक शुभकामना।।
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