सोचत हौं धेरिया न ह्वैहैं
लकिन बहुरिया तौ ह्वैहैं
पूछित है धेरिया न ह्वैहैं
तौ बहुरिया केस ह्वैहैं।
बहुरिया न ह्वैहैं
तौ बंसवा केस होये।
बंसवा न होये तौ
नरक केस तरिहौ
नरक न तरिहौ
तौ कहाँ का जइहौ
का सोचत हौं
यहि मृत्यु लोक मा
राज तू करिहौ
नानाप्रकार कै
सुख तू भोगिहौ
बिना धेरिया कै
तू तरि जैहौ
तोहार फूल
गंगामैया लेहें
तुहँका भवसागर
पार करइहे
अंतिम यात्रा मा
गंगामैया मिलिहें
लकिन तू सोचत हौं
धेरिया न ह्वैहैं
का वै नरक से तरिहैं
हम पूछित है
गंगामैया के हुवैं
का धेरिया नाहीं वै
अब का सोचत हौं
धेरिया न ह्वैहैं
ह्वैहैं तौ तुहँका
केस तरिहैं
जौ तुहँका गंगामैया तरिहैं
तौ धेरिया तौ ह्वैहैं
चाहौ न चाहौ
धेरिया तौ ह्वैहैं।
#बेटी_बचाओ_बेटी_पढ़ाओ
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