Thursday, November 30, 2017

उनकी धरोहर

तुम्हारी धरोहर
उन्होंने सम्हाला
पर उनकी धरोहर
न तुमने सम्हाली
धरती और अम्बर को
कर दिया खाली
चन्द्र पर चरण पड़े
शुक्र की ओर तैयारी है
ब्रह्माण्ड को मुट्ठी में
बंद करने हेतु बँधी
मुट्ठियाँ सारी हैं।।
पर उनकी धरोहर
उजाड़ दिया तुमने
वे तुम्हें सँजैते-सँवारते रहे
पर उनको जड़ों से
उखाड़ दिया तुमने।।

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