Wednesday, November 22, 2017

पितृपक्ष-----

एक दिन नहीं
एक पाख
समर्पित है उन्हें
जिनका आधार पा
हमारा विस्तार है
जिनके स्नेह से ही
हमारा संसार है।
जिनके आशीष पर
टिका परिवार है।
एक पूरा पाख है
उनके लिये
जो इस जीवन के
स्रोत रहे हैं
परम्परा जिनमें
अनुस्यूत रही है
एक पाख है
उनके लिये
जिनको आज भी
हम अपना अदृश्य
अभिभावक मानते हैं
किसी भी मांगलिक कार्य में
उन्हें बुलाना
आसन देना
नहीं भूलते हैं।
पीढ़ी दर पीढ़ी
उनका नाम
और काम
याद रखते हैं।
स्वयं को
गौरवान्वित
अनुभव करते हैं।
एक पाख है
उनके लिये
जिनके नाम से
आज भी हम
जाने जाते हैं
हमारे परिजन
पहचाने जाते हैं
एक पूरा पाख
उनके लिये
जिनकी कीर्ति से
आज हम कीर्तिमान है
जिनके कार्यों से
हमारा सम्मान है।
एक पूरा पाख
उनके लिए
जिनके लिये
हमारे मन में
अपार श्रद्धा और
सम्मान है।
पितृपक्ष केवल
पितरों का स्मरण नहीं
जीवन का
शक्तिसंधान है।
यहां से शक्ति पा
ऊर्जा ले
हम आगे बढ़ते हैं
कुछ नयी ऊंचाईयाँ छूते हैं।।

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