Tuesday, December 26, 2017

लहरों के बीच खड़े होकर

लहरों के बीच खड़े होकर
समुद्र का आरव सुनना।
लहरों का ज्वार बनना
भाटा बन उतर जाना
मौन हो चुपचाप देखना
नवसर्जना का पदचाप देखना
नूतन इतिहास चुपचाप निहारना।।
पीकर भीषण रोर समुद्र बन जाना।।

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