तुम धरो एक पग धरती पर
आकाश उतरकर आयेगा।
तुम जलाओ एक लौ ड्यौढी पर
घनमेघ चीर रवि आयेगा।।
तुम कदम-कदम धरते जाओ
राजमार्ग बन जायेगा।
एक चलो और नेक चलो
कारवाँ स्वतः बन जायेगा।।
रिश्ते-नाते, जान-पहचान औ हालचाल सब जुड़े टके से। टका नहीं यदि जेब में तो रहते सभी कटे-कटे से।। मधुमक्खी भी वहीं मँडराती मकरन्द जहाँ वह पाती ...
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