प्राप्य का निकष संतुष्टि है
प्राप्त का निकष संतुष्टि है।
जीवन का निकष संतुष्टि है,
धर्म का निकष संतुष्टि है
आप व्यर्थ समझिये जीवन को
यदि आपके जीवन में
विकल और विवश संतुष्टि है।
@ममतात्रिपाठी
प्राप्त का निकष संतुष्टि है।
जीवन का निकष संतुष्टि है,
धर्म का निकष संतुष्टि है
आप व्यर्थ समझिये जीवन को
यदि आपके जीवन में
विकल और विवश संतुष्टि है।
@ममतात्रिपाठी
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