Saturday, March 10, 2018

जन्मदिन पर बहुत-बहुत शुभकामनाएं प्रो. मिलिन्द मराठे सर

जिनके स्वभाव में बसता
शरद्-वसन्त मनोरम।
कार्यों से प्रकीर्ण
इन्द्रधनुषी सप्तरंग।।
मधुकर-मिलिन्द सम
जो संभावनाओं का वपन कर
नवसूत्रपात करते हैं
निज अभिधान-अर्थ
साकार-साक्षात् करते हैं।
मूल्य मिलिन्द का जो वसन्त में
कुसुम-कुसुम के अलिंद-निलय में
वैसा ही अमूल्य व्यक्तित्व है
आदरणीय मिलिन्द जी का
हर कार्यकर्ता के हृदय में।
ज्ञान का पराग लेकर
प्रवाह सुनिश्चित करते हैं।
जहाँ कहीं अंधकार तनिक है
वहाँ प्रकाश भरते हैं।।
प्रांत-प्रांत का पुष्प उन्हें
श्रद्धा से देखता है।
उसके सान्निध्य में छाया में
अनेकता में एकता है।
ज्ञान और कौशल की गंगा
उनमें अभिन्न समाहित है।
उनके मंथन का नवनीत ले
अभाविप अनुप्राणित है।।
जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं सर😊😊

No comments:

यथार्थ

रिश्ते-नाते, जान-पहचान औ हालचाल सब जुड़े टके से। टका नहीं यदि जेब में तो रहते सभी कटे-कटे से।। मधुमक्खी भी वहीं मँडराती मकरन्द जहाँ वह पाती ...