Saturday, March 10, 2018

स्वयंसिद्धा

हम सिद्ध हैं
स्वयंसिद्ध हैं
पर
कोई दिखा न सके आँख
कोई कर न सके दुःसाहस
हर उठी आँख
जो धुँधली हो
भ्रमित हो
उसे आलोक दे सकें
जो पथभ्रष्ट हो
उसे फोड़
आलोक रहित कर सकें
इसलिये हम
समवेत कर रहे हैं
अपना साहस
अब हम बन रहे
समय के पारखी
इसलिये अब होंगे हम
अभूतपूर्व साहसी।
#MissionSAHASI

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