Monday, June 25, 2018

अवधी गीत

बहुत नीक लागै बाबा कै फुलवरिया
बहुत नीक लागै सावन कै झलुववा।
बहुत नीक लागै होली-दिवाली
बहुत नीक लागै हर त्यौहरवा।
सींचत - सींचत ऊ फुलवरिया
बड़ी ह्वै गयीं देखौ कंचन बहिनिया
लीपत लीपत घरा-अँगनवा
बेहि गयीं देखौ कंचन बहिनिया।
बहुत नीक लागै आपन अँगनवा
बहुत सुधि आवै आपन नैहरवा।
बाप कै हँसी और महतारी कै अँचरवा
बहुत सुधि आवै आजी-बाबा कै सनेहवा।
सुधियाय कंचन बहिनी आपन घरा औ दुवरवा
अँगनवा-चौपरिया, ओसरवा-ड्यौढ़िया
सुधियाय संझा कै दिया और ढेबरिया।
बहुत नीक लागै नैहर कै सुग्गवा - चिरईवा
बहुत सुधि आवै गईया-बछीवा।
आपन यस लागै पुरवाई बयरिया ।
बड़ा मन भावै मुंडेर कै कौववा।
आपन यस लागै कुआँ कै सुखान दुबिया
बहुत सुधि आवत आम फरेंद कै पेड़वा।
सुधि आवै जेठ-बैशाख कै दुपहरिया।
जब-जब सुधियांय कंचन बहिनी नैहरवा।
सूनी आँख निहारैं पिंजड़ा मा बंद सुगनवा।

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