तुम ज्योति जगत् की
तुमको जलना है।
ताप-दाब सबकुछ
सहना है।
शिखा तुम्हारी प्रखर रहे
इस हित चलना है
निशिवासर जगना है।
तुमको जलना है।
शीत हिमों की
क्या तुलना तुमसे
स्थिरता ही जिनका जीवन
तुमको जलना है परहित
चलना है प्रतिक्षण।
जड़ हिम भी पिघल उठे
स्थावर भी जंगम बन जाये
गतिमान हो उठे स्थिरता
तुम हरते जगती की जड़ता।
इसलिये तुलनाओं से
भयभीत न हो।
पथ से अपने विचलित मत हो।
सामान्य बात है स्थिरता
गति ही है विशेषता।।
सामान्य बहुत लुभायेंगे
सौ - सौ मार्ग दिखायेंगे।
पर गति की विशिष्टता से ही
वे भी मार्ग खोज पायेंगे।
तुम उत्स हो
अंतिम पड़ाव की बात मत करो।
तुम गति हो।
ठहराव की बात मत करो।
उत्स की निरन्तरता ही
जीवन है
अन्यथा सब व्यर्थ वाचन है।।
तुमको जलना है।
ताप-दाब सबकुछ
सहना है।
शिखा तुम्हारी प्रखर रहे
इस हित चलना है
निशिवासर जगना है।
तुमको जलना है।
शीत हिमों की
क्या तुलना तुमसे
स्थिरता ही जिनका जीवन
तुमको जलना है परहित
चलना है प्रतिक्षण।
जड़ हिम भी पिघल उठे
स्थावर भी जंगम बन जाये
गतिमान हो उठे स्थिरता
तुम हरते जगती की जड़ता।
इसलिये तुलनाओं से
भयभीत न हो।
पथ से अपने विचलित मत हो।
सामान्य बात है स्थिरता
गति ही है विशेषता।।
सामान्य बहुत लुभायेंगे
सौ - सौ मार्ग दिखायेंगे।
पर गति की विशिष्टता से ही
वे भी मार्ग खोज पायेंगे।
तुम उत्स हो
अंतिम पड़ाव की बात मत करो।
तुम गति हो।
ठहराव की बात मत करो।
उत्स की निरन्तरता ही
जीवन है
अन्यथा सब व्यर्थ वाचन है।।
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