Monday, June 25, 2018

उनके घर मत जाना

तुम उनके घर मत जाना
जहाँ किवाड़ जड़े रहते हैं
जहाँ हवा के प्रवाह पर भी
गहरे पहरे रहते हैं।
तुम उनके घर मत जाना
जहाँ हृदय में उठता उबार है
पर बाहर दिखता सुंदर संसार है।
तुम उनके घर मत जाना
जहाँ आँखों में छुपे भावों के
अनगिनत पर्दे हैं।
जहाँ छलकती आँखों को
छुपा लोग हँसते हैं।
उनके घर मत जाना
जहाँ सिसकियाँ दबायी जाती हैं
सूनी आँखों में भी
हँसी बसायी जाती है।
उनके घर मत जाना
जो चकाचौंध से चिथड़े ढँकते हैं
मत जाना उनके घर
जो दुर्गन्ध में कृत्रिम गंध छोड़
सुगंध बिखेरते हैं।
तुम मत जाना उनके घर
जहाँ हृदयों का मोल नहीं है।
भावों की शवसाधना का
जहाँ कोई ओर छोर नहीं है।

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