Wednesday, November 29, 2017

अनुभूति के वे क्षण

अनुभूति के वे क्षण
कभी मध्यम कभी प्रखर
अनुभूति के वे क्षण।
अनुभवों की दीवाली
अनुभवों की होली
अनुभवों का गुड़
अनुभवों की मिश्री
कभी मध्यम कभी सत्वर
अनुभूति के वे क्षण
कभी मध्यम कभी प्रखर
कभी मयूरों का नृत्य
कभी मधूक - गंध
कभी पुष्प-मकरन्द
कभी माटी की सुगंध
कभी कोयल का स्वर
कभी मध्यम कभी सत्वर
अनुभूति के वे क्षण।
विशालकाय वृक्ष
फलों-फूलों का गुच्छ
कोटरों की खोज
सुग्गामय सोच
कभी प्रसन्न कभी विकल
कभी मध्यम कभी सत्वर
अनुभूति के वे क्षण
तितलियों के झुंड
टिड्डियों का दल
पक्षियों का कलरव
मछलियों का कल्लोल
जलतरंगों का स्वर
कभी मध्यम कभी सत्वर
अनुभूति के वे क्षण
चूल्हे की आँच
चिटकती लकड़ियाँ
उड़ती चिनगियाँ
उठता हुआ धुआँ
कभी आँगन कभी छतपर
कभी मध्यम कभी सत्वर
अनुभूति के वे क्षण।
बरसते बादल
झिसियाता पानी
टप टप करती बूँदें
मूसलाधार बरखा
पानी की बौछार
कभी मध्यम कभी सत्वर
अनुभूति के वे क्षण
बूँद - बूँद गिरना
बुलबुलों का उठना
आँगन का तरणताल से
सिन्धु बन जाना
बुलबुलों का फूटना औ बनना
बनना गर्त और भँवर
कभी मध्यम कभी सत्वर
अनुभूति के वे क्षण।
खपरों पर छत पर
वर्षा की बूँदे
टपकता खपरैल
उफनती छतें
काजल सी आकाश की आँख में
उतरती बदरी
भीगता आँगन सराबोर होता छप्परा
कभी मध्यम कभी सत्वर
अनुभूति के वे क्षण।
माटी का आर्द्र हो मुलायम होना
चिकनी मिट्टी पर
गिरना फिसलना
चप्पल निकालकर
नंगे पैर चलना।
कागज की नाव को
जल में तैराना
जल को बनाना सागर महासागर
कभी मध्यम कभी सत्वर
अनुभूति के वे क्षण।
दीवाली के घरौंदो मे
घर ढूढ़ना
माटी के घरों में
महल ढूढना
होली के रंग में
सराबोर होना
जौ की बालियों को
होलिका में भूनना
होलिकादहन पर
प्रहलाद खोजना
सुरक्षित बचाना अरण्ड की शाखा को
 प्रह्लाद मानकर
कभी मध्यम कभी सत्वर
अनुभूति के वे क्षण।।

1 comment:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (01-12-2017) को खोज रहा बाहर मनुज, राहत चैन सुकून : चर्चामंच 2804 पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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