Wednesday, November 22, 2017

नजरिया

नजर तुम्हारी है
नजरिया तुम्हारा है
जहाँ खड़े हो
वह अधिष्ठान भी तुम्हारा है
जिस कोण से देख रहे हो
वह कोण भी तुम्हारा है
पर खबरदार!
कोशिश मत करो
अपनी नजर और नजरिया
थोपने की मुझपर 
क्योंकि मैं जहाँ खड़ी हूँ
वह अधिष्ठान हमारा है
 दृष्टि भी हमारी है
दृष्टिकोण हमारा है।
यदि हमारी जिह्वा पर
अपनी बात चढ़ाओगे
तो निकलेगी ज्वाला
भस्म हो जाओगे।।

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