Wednesday, November 22, 2017

बेटियाँ

😊😊बेटियाँ😊😊

उसके पाँवों की पैजनिया
सबके मन को हरती है। 
आँगन में वह ठुमक ठुमक
सबका मन जीतती है। 
वह बिटिया है
वह रौनक है
वह शोभा है
वही खनक है। 
बचपन से ही मेधावी
बचपन से ही तेजस्वी
प्रियपुत्री वह स्नेहमयी है 
तेजमयी आनन्दमयी है। 
बिटिया सुखद बयार बनी है
‌आँगन का शृंगार बनी है।।

No comments:

यथार्थ

रिश्ते-नाते, जान-पहचान औ हालचाल सब जुड़े टके से। टका नहीं यदि जेब में तो रहते सभी कटे-कटे से।। मधुमक्खी भी वहीं मँडराती मकरन्द जहाँ वह पाती ...