Monday, December 11, 2017

मत बनाओ हुताशन

जल रही है ज्योति
जलने दो
स्नेह से तर है वर्तिका
स्नेह मिलने दो
मंद हवा बनकर बहो
बवंडर मत बनों
क्योंकि आवश्यक नहीं कि
बवंडर ज्योति बुझा सके
लौ कँपा सके।
ध्यान रहे
ज्योति ज्वाला बनती है
और हुताशन का रूप भी धरती है।
वह हुताशन न बने
दहन न करे
इसलिए तुम भी
बन सको तो मंद पवन बनो
बवंडर न मत बनो।
अन्यथा सब जल उठेगा
धूँ धूँ कर आग की
भेट चढ़ेगा
कुछ न बजेगा
इसलिए चिनगी
ज्योति ज्वाला की
शक्ति को मत आँकों
यहाँ राई से पहाड़
ज्योति से ज्वाल बनने में
देर नहीं लगती

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