है नहीं
देख नहीं पा रहे
या आँख का आलोक कम है
या कुछ पीड़ाओं से
आँख नम है।
बोलने से पहले
इसका परीक्षण जरूरी है
क्योंकि शब्द कभी वापस नहीं होते
वे अमिट होते हैं
वायुमंडल में घूमते हैं
उमड़ते - घुमड़ते हैं
और उनका अनुकूल
आपका प्रतिकूल समय आने पर
वार करते हैं
शब्द नहीं मरते
नहीं चूकते
अमर होते हैं
अक्षर होते हैं।
देख नहीं पा रहे
या आँख का आलोक कम है
या कुछ पीड़ाओं से
आँख नम है।
बोलने से पहले
इसका परीक्षण जरूरी है
क्योंकि शब्द कभी वापस नहीं होते
वे अमिट होते हैं
वायुमंडल में घूमते हैं
उमड़ते - घुमड़ते हैं
और उनका अनुकूल
आपका प्रतिकूल समय आने पर
वार करते हैं
शब्द नहीं मरते
नहीं चूकते
अमर होते हैं
अक्षर होते हैं।
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