Monday, June 25, 2018

वे

वे प्रेरणापुञ्ज
परितः स्थित
स्थिरमति व्यक्तित्व
इस दीप की लौ
मंद होने से पूर्व
स्नेहदान करते
नवप्राण भरते
संपृक्त हो
लौ को चमक दे
असंपृक्त होते
स्थिरमति दत्तचित्त
उनका व्यक्तित्व
कृति देख
कृतित्व पर
घमण्ड नहीं करता
खोखली द्युति का
पाखंड नहीं करता।
🙏🙏🙏🙏🙏

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