Thursday, December 26, 2019

सकारात्मकता

लाभ-हानि जय-पराजय यश-अपयश जीवन-मरण संसार का वह सत्य है जिससे संसार चलता है सृष्टि होती है इसमें किसी एक का न होना संसार का रुकना है प्रलय की ओर बढ़ना है सृष्टि का अंत है अतः अंधकार को सहन करने का धैर्य होना चाहिए उस छोर पर प्रकाश प्रतीक्षा जो कर रहा है।

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यथार्थ

रिश्ते-नाते, जान-पहचान औ हालचाल सब जुड़े टके से। टका नहीं यदि जेब में तो रहते सभी कटे-कटे से।। मधुमक्खी भी वहीं मँडराती मकरन्द जहाँ वह पाती ...