Tuesday, December 26, 2017

पग बढ़े गाँव की ओर

पग बढ़े गाँव की ओर। 
ओस की बूँदों से भीगी भोर।
सूरज की किरणें चमकें जहां मन खोल
और कुहरा करे प्रतियोगिता जी-तोड़।
पग बढ़े गाँव की ओर।।
घाम-घमौनी
सूरज और कुहरे की
आँख मिचौली
सब जहाँ घटे चहुँ ओर
पग बढ़े गाँव की ओर

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