तपन में भी खिलते हैं।
खिलखिलाकर हँसते हैं
सूरज के साथ बढ़ते
सूरज के साथ अस्त होते ।
खिलखिलाकर हँसते हैं
सूरज के साथ बढ़ते
सूरज के साथ अस्त होते ।
रिश्ते-नाते, जान-पहचान औ हालचाल सब जुड़े टके से। टका नहीं यदि जेब में तो रहते सभी कटे-कटे से।। मधुमक्खी भी वहीं मँडराती मकरन्द जहाँ वह पाती ...
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