वामपंथी आतताईयों ने पहले
परिवार तोड़ा
घर तोड़ा
समाज तोड़ा
और अब
राष्ट्र की सशक्त नींव पर
हथौड़ा मार रहे हैं।
पर यह हथौड़ा उनका ही अन्त करेगा
Monday, March 20, 2017
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यथार्थ
रिश्ते-नाते, जान-पहचान औ हालचाल सब जुड़े टके से। टका नहीं यदि जेब में तो रहते सभी कटे-कटे से।। मधुमक्खी भी वहीं मँडराती मकरन्द जहाँ वह पाती ...
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माँ-बाप का दुत्कारत हैं औ कूकुर-बिलार दुलारत हैं यहि मेर पुतवै पुरखन का नरक से तारत है ड्यौढ़ी दरकावत औ ढबरी बुतावत है देखौ कुलदीपकऊ ...
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रिश्ते-नाते, जान-पहचान औ हालचाल सब जुड़े टके से। टका नहीं यदि जेब में तो रहते सभी कटे-कटे से।। मधुमक्खी भी वहीं मँडराती मकरन्द जहाँ वह पाती ...
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खिड़कियों से झाँककर संसार निहारें हम ऐसा हमारे बड़ों ने संसार सौंपा है। अपनी भोगलिप्सा से पञ्चतत्त्व प्रदूषित कर हमें चुनौति...
2 comments:
सच। आज स्वाभिमान मानो एक शब्द मात्र रह गया है।
आमीन .. ऐसा ही होगा ...
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