किसी चीज़ की कीमत कीमत नही होती
कीमत तो उसकी है जिसकी कोई कीमत नही होती
इसलिये हमारी कीमतों को अपनी कीमतों से मत आँकों
क्योकि हमारी कीमतों की कोई कीमत नही होती
उनकी बुलन्दियों की कीमत भी मत आँकों
क्योंकि वो तुम्हारी बुलन्दियाँ नहीं होतीं
आकाशीय पक्षियों की कीमत नहीं आँकी जाती
क्योंकि वे वो पूँजी हैं जो ज़मा नही होती
Thursday, September 4, 2008
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यथार्थ
रिश्ते-नाते, जान-पहचान औ हालचाल सब जुड़े टके से। टका नहीं यदि जेब में तो रहते सभी कटे-कटे से।। मधुमक्खी भी वहीं मँडराती मकरन्द जहाँ वह पाती ...
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माँ-बाप का दुत्कारत हैं औ कूकुर-बिलार दुलारत हैं यहि मेर पुतवै पुरखन का नरक से तारत है ड्यौढ़ी दरकावत औ ढबरी बुतावत है देखौ कुलदीपकऊ ...
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रिश्ते-नाते, जान-पहचान औ हालचाल सब जुड़े टके से। टका नहीं यदि जेब में तो रहते सभी कटे-कटे से।। मधुमक्खी भी वहीं मँडराती मकरन्द जहाँ वह पाती ...
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खिड़कियों से झाँककर संसार निहारें हम ऐसा हमारे बड़ों ने संसार सौंपा है। अपनी भोगलिप्सा से पञ्चतत्त्व प्रदूषित कर हमें चुनौति...
1 comment:
बहुत अच्छी कविता है ।
धन्यवाद
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